इलाज

इलाज

लगभग चार-पाँच घंटे की लंबी प्रतीक्षा के बाद उसका नंबर आया। बड़ी व्याकुलता से उसने कहा–‘डाॅक्टर साहब, मेरी बेटी शोभा पिछले पंद्रह-बीस दिनों से ठीक से चल-फिर नहीं पा रही है, पैर में दर्द और कमजोरी की शिकायत कर रही है।’

डाॅक्टर शोभा की जाँच-पड़ताल करने लगे। कई तरह के टेस्ट आदि भी करवाए गये, परंतु डाॅक्टर की गंभीर मुद्रा को देखकर शोभा की माँ ने पूछा–‘डाॅक्टर साहब, मेरी बेटी ठीक तो हो जाएगी न? कब तक यह ठीक हो जाएगी डाॅक्टर साहब? मेरी बेटी को जल्दी ठीक कर दीजिए, इसके बिना तो मेरा जीवन अधूरा है, मेरी बेटी मुझे जान से भी प्यारी है।’

डाॅक्टर साहब बोले–‘देखिए! इसका इलाज ठीक से करवाइए, इलाज थोड़ा लंबा चलेगा, इसके पैरों में पूरी ताकत आने में समय लगेगा।’

दो मिनट के लिए मौन हो गई वह…फिर अपने को संयमित कर गंभीर मुद्रा में उसने कहा–‘डाॅक्टर साहब, फिर तो इसका इलाज मत ही कीजिए। कमजोर पाँव वाली लड़की का इलाज करवा कर भी क्या फायदा…क्योंकि हमारे धंधे में तो नाचना जरूरी है…’


Image: Woman on Charpai
Image Source: WikiArt
Artist: Amrita Sher-Gil
Image in Public Domain