ममता की डोर

ममता की डोर

घर से थोड़ी दूर बसे हरिजन मुहल्ले में किशन और पूनम के बीच रोज लड़ाई और हाथा-पायी होती रहती। दारू के नशे में किशन रोज पूनम की बेवजह पिटाई करता। पर आज तो किशन ने बर्बरता की सीमा पार कर दी, बेचारी को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया। आज की पिटाई से आक्रोशित होकर पूनम ने भी जिद्द ठान ली कि अब उसे किशन के साथ नहीं रहना है। वह चिल्ला-चिल्लाकर प्रतिकार करने लगी–‘आज से तेरे साथ इस घर में नहीं रहूँगी, चाहे तुम जो भी कर लो।’ इतना कहकर वह अपनी बच्ची को गोद में लेकर घर से निकल गयी।

किशन दो मिनट तक शांत रहा। फिर अचानक उसने अपनी पत्नी की गोद से दो महीने की मासूम बच्ची को झपट कर छिन लिया और अपने घर की ओर यह कहता हुआ चल पड़ा कि–‘देखता हूँ! अब घर कैसे नहीं आओगी।’ थोड़ी देर पहले जो स्त्री अपने पति का प्रतिकार कर रही थी, वह सहमी-सी अपने पति के पीछे-पीछे अपने घर की तरफ खिंची चली जा रही थी…जाने ममता की कैसी डोर थी यह!


Image: Mother and Child
Image Source: WikiArt
Artist: Mary Cassatt
Image in Public Domain