आदमी अब नहीं आदमी दोस्तों

आदमी अब नहीं आदमी दोस्तों

आदमी अब नहीं आदमी दोस्तों
किस तरह से हो बसर जिंदगी दोस्तों

रौशनी में मुझे नींद आती नहीं
डस गई है मुझे चाँदनी दोस्तों

लाख रंगीं लबादे में दुनिया रहे
तुम नहीं छोड़ना सादगी दोस्तों

काम आती नहीं है जो किसी और के
जिंदगी वो नहीं काम की दोस्तों

दिल में ‘अख्तर’ के उल्फत अगर रहती है
अजनबी भी नहीं अजनबी दोस्तों।


Image: Rag Picker
Image Source: WikiArt
Artist: Octav Bancila
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नसीम अख्तर द्वारा भी