औरतें
- 1 April, 2016
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https://nayidhara.in/kavya-dhara/auraten-by-hindi-poet-rani-shrivastav/
- 1 April, 2016
औरतें
नमक पर उतारे गए गुस्से से
त्रस्त औरतें
घर को तरसती
घर की इज्जत औरतें
अपनी औकात पहचानती
घरेलू हिंसा की शिकार औरतें।
व्यंग्यवाण सुनती
मानसिक हिंसा की शिकार औरतें
रसोई से बिस्तर तक
इनसान की जगह
कमोडिटी होती औरतें
जीवन से मृत्यु तक
पटका पटकी झेलती औरतें
थाली की झनझनाहट से
सहमी हुई औरतें
असमानता के दंश को सहती
लहुलूहान औरतें
भ्रूण के अंदर
मरने को अभिशप्त
दम तोड़ती औरतें
भूल-भूलैया में जीती
वजूद खोजती औरतें
अपने मृगछौनों की खातिर
जीने को बेबस औरतें!
स्नेह की गर्माहट खोजती
संवेदनशील औरतें
कहाँ जाएँ
कहाँ करें फरियाद औरतें
किसी पोएटिक जस्टिस का
कब तक करें इंतजार औरतें?
Original Image: Portrait with apples Portrait of the Artists Wife
Image Source: WikiArt
Artist: August Macke
Image in Public Domain
This is a Modified version of the Original Artwork