बरसो, प्रतिपल बरसो!

बरसो, प्रतिपल बरसो!

बरसो, प्रतिपल बरसो!
कण-कण पर क्षण-क्षण तुम
शुचितम सुंदर छविकर बरसो !
बरसो सर में, गिरि कानन में,
बरसो तन-मन में, जीवन में,
अमृतमय जगती को करने
तुम अमृतमय बरसो।
बरसो मरु के सूखे उर पर,
बरसो लता-कुंज-तरुवर पर,
रसमय करने इस पृथ्वी पर
हे रसमय, तुम बरसो !
बरसो, बहे काव्य की धारा,
बरसो, सरसे गीत तुम्हारा,
हरित प्राण धरती के करने
हरित कल्पना बरसो!
बरसो, प्रतिपल बरसो!


Original Image: Landscape with Sandy Road
Image Source: WikiArt
Artist: Salomon van Ruysdael
Image in Public Domain
This is a Modified version of the Original Artwork