ज्ञानी जाग बैठा है
- 1 October, 1951
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- 1 October, 1951
ज्ञानी जाग बैठा है
संसार का सबसे बड़ा ज्ञानी जगा बैठा है
और, टेलिप्रिंटर पर अक्षर उगे जा रहे हैं।
स्याम का माशल पिबुल सौंग्राम बलात भगा लिया गया
जोर्डन का शाह अब्दुल्ला अचानक गोली का शिकार हुआ
लियाकत अली खाँ ने पंडित नेहरू को बुलावा भेजा
सारी दुनियाँ पड़ी अभी बेखबर सो रही है
पर सुबह होते उसे सब कुछ बतला देना है
संसार का सबसे बड़ा ज्ञानी जगा बैठा है
और टेलिप्रिंटर पर अक्षर उगे जा रहे हैं।
हिन्द-चीनमें देशी-विदेशी का बवाल उठ खड़ा हुआ
फ़लस्तीन में पहुँच पड़ोसी आपस में उलझ पड़े
कोरिया के मत्थे पूरब-पश्चिम की आनें लड़ पड़ी
संसार का सबसे बड़ा सेनापति देख रहा है
फतह का फतवा अब वही तो उड़ाएगा
संसार का सबसे बड़ा ज्ञानी जगा बैठा है
और टेलिप्रिंटर पर अक्षर उगे जा रहे हैं।
बिहार में जमींदारियों का जनाजा ही निकलने चला
कश्मीर के लिए पाकिस्तान ने धावा ही बोल दिया
ईरानी तेल में आग की लपटें आखिर भभक ही पड़ीं
संसार का सबसे बड़ा निर्णायक सामने है
और, समझौते के प्रबंध भी हुए जा रहे हैं
संसार का सबसे बड़ा ज्ञानी जगा बैठा है
और टेलिप्रिंटर पर अक्षर उगे जा रहे हैं।
कड़कते जाड़ों की मौजें तो हर कोई पा लेता है
चिल चिलाती गर्मी की लू से तो हर कोई खेल लेता है
रस भरी वर्षा की बहारें भी हर कोई लूट लेता है
संसार का सबसे बड़ा त्यागी यूँ ही पड़ा है
और यह उसकी नींद दुनिया पर निछावर है
संसार का सबसे बड़ा ज्ञानी, जगा बैठा है
और टेलिप्रिंटर पर अक्षर उगे जा रहे हैं।
यह महान त्यागी दुनिया के लिए बड़ा कष्ट सहता है
यह महान सेनापति तमाम मुश्किलें दूर करता है
यह महान ज्ञानी हर किसी की जानकारी बढ़ाता है
संसार का सबसे बड़ा पैगंबर, बेलौस पड़ा है
मगर पहला संदेश तो बस वही लाएगा
संसार का सबसे बड़ा ज्ञानी जगा बैठा है
और टेलिप्रिंटर पर अक्षर उगे जा रहे हैं।
अमेरिका आज संसार का सर्वाधिक धनवाला देश है
आगा खान सनेहियों द्वारा हीरों से तौले गए
त्रावणकोर नरेश ने सात हजार में कैमरा खरीदा
संसार का सबसे बड़ा कंगाल झाँक रहा है
पैसों की आखिर उसे जरूरत ही क्या है
संसार का सबसे बड़ा ज्ञानी जगा बैठा है
और टेलिप्रिंटर पर अक्षर उगे जा रहे हैं।
हजारों मन गेहूँ अमेरिका से भारत पहुँच रहा है
भारत के बने कपड़े विदेशों में भेजे जा रहे हैं
इंग्लैंड में हरेक हजार आदमियों पर एक डॉक्टर है
संसार का यह महामानव परिचय जिसका है
भुक्खड़, नंग-धड़ंग तथा रोगी; बस और कुछ नहीं।
संसार का सबसे बड़ा ज्ञानी, जगा बैठा है
और टेलिप्रिंटर पर अक्षर उगे जा रहे हैं।
पैगंबर, ज्ञानी, फटेहाल–आखिर वह क्या है?
कलम लिए पत्रकार, शायद वही सोच रहा है।
Image: The Artist’s Father Reading his Newspaper
Image Source: WikiArt
Artist: Paul Cezanne
Image in Public Domain