जिस्म जैसे मकान मिट्टी का

जिस्म जैसे मकान मिट्टी का

जिस्म जैसे मकान मिट्टी का
क्या भरोसा है जान मिट्टी का

किसको होता है मोह मिट्टी से
कौन रखता है ध्यान मिट्टी का

अस्ल में चाँद-तारे मिट्टी हैं
यानी है हर गुमान मिट्टी का

ख्वाब थे दो दिलों के नाजुक-से
इश्क था दरमियान मिट्टी का

बीज अच्छे न हो तो होता है
सौ गुना इम्तिहान मिट्टी का

उसको सोने से तोलिए साहब
जिसने रखा है मान मिट्टी का

मिट्टी मिट्टी है किसलिए ‘अनमोल’
मर्तबा भी तो जान मिट्टी का।


Image : On the Balcony
Image Source : WikiArt
Artist : Childe Hassam
Image in Public Domain

के.पी. अनमोल द्वारा भी