फैसला दस-पचास में बदला

फैसला दस-पचास में बदला

फैसला दस-पचास में बदला
और इक पेड़ घास में बदला

हर निराशा को आस में बदला
जब अँधेरा उजास में बदला

वो बदलना भला लगा था जब
कोई अच्छे की आस में बदला

मंजिलें हाथ उस घड़ी आईं
जब जुनूँ भूख-प्यास में बदला

इस बदलने को सबने बोला ‘खास’
आम जब कोई खास में बदला

आदतों ने तो पैर पटके खूब
मन ये फिर भी न दास में बदला

जग बदलने की चाह ने ‘अनमोल’
कितना कुछ आसपास में बदला।


Image : In a Room
Image Source : WikiArt
Artist : Konstantin Korovin
Image in Public Domain

के.पी. अनमोल द्वारा भी