सुख की बाँहों में कभी प्यार से घेरे जाएँ

सुख की बाँहों में कभी प्यार से घेरे जाएँ

सुख की बाँहों में कभी प्यार से घेरे जाएँ
और हम दुःख की तरफ आँख तरेरे जाएँ

जिस तरफ रहती है हर वक्त दीवारों पे नमी
बस उसी ओर नयन धूप के फेरे जाएँ

साँप जंगल की तरफ जाएँ मजे करते हुए
और स्कूल सभी नन्हे सपेरे जाएँ

कुछ किए बिन जो निबाह होने लगे दुनिया में
हम तेरे नाम के मनके ही न फेरे जाएँ

अब जरूरत है हमें ऐसे किसी दीपक की
जिसके आने से जहाँ भर के अँधेरे जाएँ

चाहता हूँ कि तेरा नाम लिखा जाए तो
लफ्ज सोने की कलम से ही उकेरे जाएँ

चाह खुशियों की हो अनमोल अगर थोड़ी भी
फूल मुस्कान के हर ओर बिखेरे जाएँ।


Image : Elderly Castellano Pouring Wine
Image Source : WikiArt
Artist : Joaquín Sorolla
Image in Public Domain

के.पी. अनमोल द्वारा भी