अब पतंगें इश्क की जम कर उड़ाओ दोस्तो

अब पतंगें इश्क की जम कर उड़ाओ दोस्तो

अब पतंगें इश्क की जम कर उड़ाओ दोस्तो
अपने हाथों का हुनर कुछ तो दिखाओ दोस्तो

काठ की घोड़ी ने जा कर चाँद तारों से कहा
इस गगन की सैर मुझको भी कराओ दोस्तो।

सूर्य को था भेद पाया कर्ण ही का तीर कब
ऐसी गाथा से सियासी लक्ष्य पाओ दोस्तो

एक ठंडी रात में ‘सूरज को सर्दी’ लग गई
दुनिया भर में वाइरल किस्सा कराओ दोस्तो

हर नफस के भाव का हम खुद करेंगे आकलन
आज का ये सच सभी को तुम रटाओ दोस्तो

भूख औ बेरोजगारी कल्पनाएँ हैं ‘शलभ’
ये नगाड़े जोर से अब तुम बजाओ दोस्तो।


Image : The Savoyard BoyMathias Schiff and Camille Martin (le Repos Des Artistes)
Image Source : WikiArt
Artist : Émile Friant
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