समझने के लिए लहजे

समझने के लिए लहजे

समझने के लिए लहजे बहुत हैं
जुबान से क्या कहूँ किस्से बहुत हैं

हवा के साथ मैं जाऊँ कहाँ तक
मेरे होने के भी चर्चे बहुत हैं

नहीं जो आँधियों से खौफ खाते
चिरागों की तरह जलते बहुत हैं

अभी मैं जोर से हँसता नहीं हूँ
तुम्हारी याद के खतरे बहुत हैं

मुहब्बत के चिरागों के धुएँ में
गुज़रती रात के पहरे बहुत हैं।


Image : The Mandolin Player
Image Source : WikiArt
Artist : Jean Leon Gerome
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