अगर मैं अक्स हूँ

अगर मैं अक्स हूँ

अगर मैं अक्स हूँ तेरा, तो आइना है किधर
मुझे बता दे जमाना, ये देखता है किधर

मुझे तो रंजो-अलम से, कहीं फरार नहीं
जिधर भुलाते हैं गम सब, वो मयकदा हे किधर

गमों में सब्र है लाजिम, तो सब्र कर लेते
तुम्हें है तजरबा इसका, तो तजरबा है किधर

मेरे निशाने कदम पर रवाँ-दवाँ है कौन
मैं जिसका राहनुमा था वो काफिला है किधर

ये इत्तेफाक ही कहिए कि दस्तेयाब हुआ
मैं उसको ढूँढ़ रहा था कहाँ, मिला है किधर

हमें दिमाग ने धोखा दिय है सारी उम्र
हमारा दिल ही बताएगा रास्ता है किधर

‘कुमार’ घाटा हुआ है, हवस परस्ती में
अगर है फायदा इसमें, तो फायदा है किधर।


Image : Face Reflected in a Mirror
Image Source : WikiArt
Artist : Julian Alden Weir
Image in Public Domain