ऐसा उठा अचानक तूफान जिंदगी में

ऐसा उठा अचानक तूफान जिंदगी में

ऐसा उठा अचानक तूफान जिंदगी में
बिखरा पड़ा है मेरा हर दर्द शाइरी में

अच्छी भली रफाकत बदली है दुश्मनी में
हक बात इस जबां से निकली जो बेखुदी में

दुश्मन बना चुका हूँ कितने ही दोस्तों को
जीने लगा हूँ जब से मैं सच की रौशनी में

जब धुँध छँट गई तो मंजर अजीब देखा
सारे शजर हैं उरियाँसूरज की रौशनी में

जैसे बना बचाए रक्खा है खुशबुओं को
थोड़ी सी मिल गई है पहचान जिंदगी में

इनसां बचा हुआ है थोड़ा बहुत अभी तक
देखी है मैंने गैरत दो चार आदमी में

मेरे नसीब में है लिक्खा हुआ किरन ये
जीना है आशिकी में मरना है आशिकी में।


*  उरियाँ = नंगापन


Image : Puget Sound on the Pacific Coast
Image Source : WikiArt
Artist : Albert Bierstadt
Image in Public Domain


प्रेम किरण द्वारा भी