अपने मित्रों के लेखे-जोखे से
- 1 April, 2022
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https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-gazal-about-apane-mitron-ke-lekhe-jokhe-se-by-vijay-kumar-swarnkar-nayi-dhara/
- 1 April, 2022
अपने मित्रों के लेखे-जोखे से
अपने मित्रों के लेखे-जोखे से
हमको अनुभव हुए अनोखे -से
हमने बरता है इस जमाने को
तुमने देखा है बस झरोखे से
जिंदगी से न यूँ करो बर्ताव
जन्म जैसे हुआ हो धोखे से
हम तो टूटे हैं और मैले भी
कैसे तुम बच गए हो चोखे-से
इक महल खा गया है जागीरें
एक घर चल रहा है खोखे से
एक दीवार-सी है यह दुनिया
और उसमें हो तुम झरोखे-से।
Image : Tea Party at Mytishchi near Moscow
Image Source : WikiArt
Artist : Vasily Perov
Image in Public Domain