बादलों पर टहल रही है धूप

बादलों पर टहल रही है धूप

बादलों पर टहल रही है धूप
रंग कितने बदल रही है धूप

कारवाँ बादलों का क्या निकला
साथ साये के चल रही है धूप

शाम ने रुख जरा-सा क्या बदला
और सज के निकल रही है धूप

आग ऐसी लगी है सहरा में
रेत पर जैसे जल रही है धूप

झील में झाँकने लगा सूरज
और तेवर बदल रही है धूप

है खबर आसमाँ में हलचल की
अपना दम साधे चल रही है धूप

जाने किसको ये ढूँढ़ती है अब
जाते-जाते निकल रही है धूप।


Image : Mortlake Terrace
Image Source : WikiArt
Artist : J.M.W
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