बदल रहे हैं यहाँ सब रिवाज क्या होगा
- 1 April, 2022
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https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-gazal-about-badal-rahe-hain-yahaan-sab-rivaaj-by-ashok-mizaj-nayi-dhara-2/
- 1 April, 2022
बदल रहे हैं यहाँ सब रिवाज क्या होगा
बदल रहे हैं यहाँ सब रिवाज क्या होगा
मुझे ये फिक्र है कल का समाज क्या होगा
लहू तो कम है मगर रक्त चाप भारी है
अब ऐसे रोग का आखिर इलाज क्या होगा
दिलो-दिमाग के बीमार हैं जहाँ देखो
मैं सोचता हूँ यहाँ रामराज क्या होगा
न सुर समझते हैं ये और न ताल की संगत
यमन सुनाओ इन्हें या खमाज क्या होगा
हर एक सिम्त हैं दहशत के खौफ चेहरों पर
हर एक शख्स सवाली है, आज क्या होगा
बदल रहे हैं जुबानो-बयान के तेवर
अब आने वाली गजल का मिजाज क्या होगा।
Image : Charles le Coeur
Image Source : WikiArt
Artist : Pierre-Auguste Renoir
Image in Public Domain