बड़े अजीब तुम्हारे ये कैदखाने हैं

बड़े अजीब तुम्हारे ये कैदखाने हैं

बड़े अजीब तुम्हारे ये कैदखाने हैं
तुम्हारी धूप तुम्हारे ही शामियाने हैं

खुशी के रंग चमकते तुम्हारी आँखों में
हमारे सामने फैले कबाड़खाने हैं

तुम्हारे पास तो रानाइयाँ हैं दौलत की
हमारे पास मुसीबत के वारदाने हैं

तुम्हारी कोई भी मर्जी नहीं चलेगी अब
समय की धार में वो बह चुके जमाने हैं

हमारे प्यार का मैदान अब करो खाली
सुगम कपोत यहीं से हमें उड़ाने हैं।


Image : Fishermen Hauling the Net on Skagens North Beach
Image Source : WikiArt
Artist : Peder Severin Kroyer
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