चल खला में कहीं रहा जाए

चल खला में कहीं रहा जाए

चल खला में कहीं रहा जाए
चुप कहा जाए चुप सुना जाए

तू कभी रूह तक भिंगा हमको
तू कभी रूह में समा जाए

घर से निकले तो दश्त में आए
अब यहाँ से किधर चला जाए

हादसे हमपे सौ दफा गुजरे
दिल न टूटा तो क्या किया जाए

अक्स सबका छुपाए बैठा है
खुद को देखे तो आईना जाए

अपने जीते जी फैसला न हुआ
जिंदगी किस तरह जिया जाए

न देवता, न फरिश्तों जैसा
आज खुद सा चलो हुआ जाए।


Image : Awaiting His Return
Image Source : WikiArt
Artist : Edward E. Simmons
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