देख काली घटा बैठ मत हार कर

देख काली घटा बैठ मत हार कर

देख काली घटा बैठ मत हार कर
गर ये अवरोध है तो, इसे पार कर

वक्त है, मनचला दाब देगा, तुझे
जीतने के लिए उठ तू ललकार कर

ज्ञान उपदेश से भी बड़ा, काव्य है
सीखकर यह कला जग को गुलजार कर

पी दुषित भावना, शांतचित्त के लिए
मन बसे द्वेष-दानव का, संहार कर

कुछ नहीं यह उदासी फकत रोग है
मुस्कुरा कर सदा इसका उपचार कर

हार गम का नहीं, स्नेह का पात्र है
यार हँसते हुए, इसको स्वीकार कर

नभ-समंदर न भटका दे मन नाव को
चाँद मजबूत तू अपना पतवार कर।


Image : Landscape of the Volga with boats
Image Source : WikiArt
Artist : Ilya Repin
Image in Public Domain

चाँद मुंगेरी द्वारा भी