धरती से अंबर तक

धरती से अंबर तक

धरती से अंबर तक ये हालात नहीं
मौसम पर कब्जा कर ले औकात नहीं

मुर्दा बनकर जिंदा तो रह लेते हम
जिंदा दिखना सबके बस की बात नहीं

हूनर, हिम्मत, मिहनत, खून-पसीने की
मजदूरी लेते हैं हम, खैरात नहीं

गजलों की थाली में ताली से बढ़कर
शायर को भाती कोई सौगात नहीं

आँखों से ज्यादा क्या मेंघ बरसते हैं
‘प्रोग्रामर’ ने देखी वो बरसात नहीं।


Image : Stone crusher
Image Source : WikiArt
Artist :Georges Seurat
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