दिखाई दे रही है उसमें ख्वाब

दिखाई दे रही है उसमें ख्वाब

दिखाई दे रही है उसमें ख्वाब की सूरत
अँधेरी जिंदगी में आफताब की सूरत

हरेक सिम्त पे बिखरी ख्याल की खुशबू
छुपा के रखता है वो इक गुलाब की सूरत

वो मेरी मुश्किलों में मेरे साथ रहता है
नदी है वो, नहीं है वो हबाब की सूरत

हरेक हर्फ में वो जी रहा मुहब्बत को
मिली है उसको हसीं इक किताब की सूरत

रहा है जोर सरहदों का उसपे कब ‘गरिमा’
लबों पे जिंदा है आबे-चिनाब की सूरत।


Image : Castles in the Air
Image Source : WikiArt
Artist : Anders Zorn
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