दिल करे तो कभी खफा होना

दिल करे तो कभी खफा होना

दिल करे तो कभी खफा होना
हाँ मगर, हम से मत जुदा होना

इक नई फिक्र को हवा देगा
जर्द पत्तों का फिर हरा होना

याद है हमको उस तबस्सुम का
लब पे आते ही फलसफा होना

हमको हर वक्त दर्स देता है
फल लगे पेड़ का झुका होना

दामने-सब्र को नहीं छोड़ो
चाहते हो अगर बड़ा होना

सामने तुम बड़े-बुजुर्गों के
मत अकड़कर कभी खड़ा होना

लाख चाहूँ भी मैं अगर ‘साहिल’
मेरे बस का नहीं बुरा होना।


Image : Portrait of an Unknown Man
Image Source : WikiArt
Artist : Ivan Kramskoy
Image in Public Domain

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