दिल में जब तक लगन नहीं होती

दिल में जब तक लगन नहीं होती

दिल में जब तक लगन नहीं होती
जिंदगानी चमन नहीं होती

यूँ ही गालिब गजल नहीं होता
यूँ ही मीरा भजन नहीं होती

कस रही है गुरूर की टाई
वरना इतनी घुटन नहीं होती

जाने किस किस का कर्ज है इस पर
जिंदगी मूलधन नहीं होती।

लोग खेतों में हल चलाते हैं,
तुमसे गर्मी सहन नहीं होती।

जब तलक घर की चाय मिलती नहीं,
दूर अपनी थकन नहीं होती।


Image : Der Landmann
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Artist : Eugène Burnand
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अशोक मिजाज द्वारा भी