गरचे सौ चोट हमने खाई है

गरचे सौ चोट हमने खाई है

गरचे सौ चोट हमने खाई है
अपनी दुनिया से आशनाई है

जिंदगी तू अजीज है हमको
तेरी कीमत बहुत चुकाई है

जिनसे कुछ वास्ता नहीं मेरा
किसलिए उनकी याद आई है

दिल की बातें जमीं पे लिखता है
धूप सूरज की रोशनाई है

ख्वाब में सौ दफा आते रहिए
ऐसे मिलने में कब जुदाई है

जिसकी है वह भला बुरा जाने
हमने दुनिया कहाँ बनाई है

आप गजलों में दर्द मत खोजो
हमने अपनी हँसी उड़ाई है।


Image : The Red Headscarf
Image Source : WikiArt
Artist : Ipolit Strambu
Image in Public Domain

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