हम बात अपने दिल की

हम बात अपने दिल की

हम बात अपने दिल की बता भी नहीं सके
कुछ जज्ब ऐसे थे कि छुपा भी नहीं सके

रातें कटें सुकून से, सो दिन गँवा दिया
बिस्तर पे मुश्किलों को भुला भी नहीं सके

हमने हजार शेर लिखे उसके वास्ते
जिसको कि एक शेर सुना भी नहीं सके

अहले-जहाँ को वे रहे ताबीज बाँटते
जो आफतों से खुद को बचा भी नहीं सके

दिन-रात बो रहे थे पसीना वो खेत में
ऐसी उगी फसल कि वो खा भी नहीं सके

ऐसे गिराओ मत मुझे अपने जमीर से
जिससे कि जिस्म खुद को उठा भी नहीं सके

पंजे में हाथ उनका गिरा मैं नहीं सका
पर वे तो मेरा हाथ झुका भी नहीं सके।


Image : Self Portrait
Image Source : WikiArt
Artist : Roderic O_Conor
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राहुल शिवाय द्वारा भी