हमारी बात का तुम उम्र भर कहा रखना

हमारी बात का तुम उम्र भर कहा रखना

हमारी बात का तुम उम्रभर कहा रखना
निभे न दोस्ती तो दुश्मनी को क्या करना

भले ही पीठ की आँखों को तुम खुला रखना
हजार बातें वो दुख की मगर भुला रखना

मेरी तो इतनी-सी कोशिश है–इब्तिदा रखना
उसी जमीन पे तुमको है–इन्तिहा रखना

अँधेरा उम्र के जंगल का आनेवाला है
हसीन यादों के दीये को अब जला रखना

मिलो जरूर मगर इसका भी ख्याल रहे
ये दिल तो दिल ही है, थोड़ा-सा फासला रखना

अगर हो आँखों पे गिरती हुई कोई बिजली
कठिन है–ख्वाबों में अपने को मुब्तिला रखना

ये शहर है, तुम्हारा गाँव नहीं है अमरेंद्र
दिलों की बातों को मत ऐसे जा-ब-जा रखना।


Image : On the swing
Image Source : WikiArt
Artist : Mykola Yaroshenko
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अमरेंद्र द्वारा भी