हमको अपनी तरह बना देना

हमको अपनी तरह बना देना

हमको अपनी तरह बना देना
शक्ल थोड़ा मगर जुदा देना

खोल आया हूँ सारे दरवाजे
आज हर सिम्त से हवा देना

खुद को हमने सजा सुनाई है
आप इल्जाम बस लगा देना

रूह छू लूँ तुम्हें पता न चले
इतना चुपके से रास्ता देना

जिंदगी भर तुम्हें बुरा न लगे
इस सलीके से सब भुला देना

पहले तिनका सहेजना सीखो
आशियाँ फिर कभी जला देना

दिन है बाकी अभी सो लेने दो
रात गहराए तो जगा देना।


Image : In the Boat
Image Source :  WikiArt
Artist :  Nikolay Bogdanov Belsky
Image in Public Domain

ध्रुव गुप्त द्वारा भी