हर ओर खट रहे हैं
- 1 April, 2022
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https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-gazal-about-har-or-khat-rahe-hain-by-vashistha-anoop-nayi-dhara/
- 1 April, 2022
हर ओर खट रहे हैं
हर ओर खट रहे हैं, यूपी-बिहार हैं हम
हर रोज पिट रहे हैं, सबके शिकार हैं हम
घर में जो मिलती रोजी, क्योंकर भटकते दर-दर
ललकार की है क्षमता, फिर भी गुहार हैं हम
हम सबके खूँ-पसीने से जगमगाती दुनिया
हम गाड़ियों के पहिए, कहते गँवार हैं हम
यूँ भूख ने है तोड़ा, घर-गाँव से शहर तक
हर हाँ में हाँ मिलाते, पिछले कहार हैं हम
कुछ साजिशों के चलते, बिखरा है ताना-बाना
वरना सृजन भरा है, ताकत अपार हैं हम
अवसर अगर मिले तो, कुछ भी नहीं असंभव
सीमा पे हम डटे हैं, दुश्मन पे वार हैं हम।
Image : Italian village workers making hats
Image Source : WikiArt
Artist : Peder Severin Kroyer
Image in Public Domain