हर ओर पसरने लगा है बाढ़ का पानी

हर ओर पसरने लगा है बाढ़ का पानी

हर ओर पसरने लगा है बाढ़ का पानी
अब हद से गुजरने लगा है बाढ़ का पानी

पानी है मगर प्यास बुझा भी नहीं सकते
प्यासे को अखरने लगा है बाढ़ का पानी

रक्खें कहाँ हम बेबसी की गठरियों का बोझ
सड़कों पे भी भरने लगा है बाढ़ का पानी

डूबेगी मेरे साथ ही अश्कों की नदी भी
आँखों में उतरने लगा है बाढ़ का पानी

अब आस्था की मूर्तियाँ भी बहने लगी हैं
देवल में भी भरने लगा है बाढ़ का पानी

ठहरेगी वहाँ कैसे भला जिंदगी की नाव
जिस ठाँव ठहरने लगा है बाढ़ का पानी।


Image : Shore Scene with Waves and Breakwater
Image Source : WikiArt
Artist : J.M.W. Turner
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