हर रस्ते की मंजिल है क्या

हर रस्ते की मंजिल है क्या

हर रस्ते की मंजिल है क्या
अंबर का भी साहिल है क्या

तुझको पाकर खोया खुद को
ये ही मेरा हासिल है क्या

तू अब पास नहीं आता है
मुझसे मिलना मुश्किल है क्या

कोई तो है तेरा कातिल
तू खुद अपना कातिल है क्या

कबसे घूर रहा है मुझको
आईना कुछ गाफिल है क्या

एक नशा है मुझ पर तारी
तू मुझमें अब दाखलि है क्या।


Image : Young girl in wheat field
Image Source : WikiArt
Artist : Eliseu Visconti
Image in Public Domain

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