हूँ उम्मीद की लौ बुझाओगे कैसे

हूँ उम्मीद की लौ बुझाओगे कैसे

हूँ उम्मीद की लौ बुझाओगे कैसे
उजाला हूँ मुझको मिटाओगे कैसे

चलन देश का भ्रष्ट जब हो गया है
बता नौजवानों मिटाओगे कैसे

अगर आरजू हौसला खो दिया तो
वतन जालिमो से बचाओगे कैसे

यहाँ स्याह रातो का जमघट लगा है
उजाले का शम्मा जलाओगे कैसे

बियाबाँ चमन जिसने अपना बनाया
कहो ‘अंजु’ इसको खिलाओगे कैसे।


Image : Sister Inger
Image Source : WikiArt
Artist : Edvard Munch
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