इस हकीकत को जानती है रात

इस हकीकत को जानती है रात

इस हकीकत को जानती है रात
बेघरों के लिए कड़ी है रात

शोर के वास्ते है पूरा दिन–
खामुशी के लिए बनी है रात

है अँधेरे की जेब के अंदर
जेब वाली कोई घड़ी है रात

एक मुफलिस का टूटा सपना है
इक गडरिए की बाँसुरी है रात

एक भूखा भिखारी बैठा है
देखकर उसको रो रही रात

इतनी खामोश है कि मत पूछो
फिर भी लगता है बोलती है रात

दिन तो सौदागरों का है लेकिन
शायरों के लिए बनी है रात

एक टूटे-थके सिपाही को
माँ की नजरों से देखती है रात

मैं अँधेरे से खूब डरता हूँ
इसलिए साथ चल रही है रात

चाँद से जब भी बात करती है
हाल तारों का पूछती है रात

जिंदगी की सराय के अंदर
रफ्ता-रफ्ता सुलग रही है रात।


Image : The Chimney Corner
Image Source : WikiArt
Artist : Eastman Johnson
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