कहाँ चाँद ऐसे बहारों में होते

कहाँ चाँद ऐसे बहारों में होते

कहाँ चाँद ऐसे बहारों में होते
अगर सारे तारे कतारों में होते

बिछाकर बिछौना बुलाते तो साहब
मुहब्बत के अंकुर दरारों में होते

बिखरते नहीं टूट गर सितारे
तो सूरज के किस्से शरारों में होते

निभा देते वादे तो सच बोलता हूँ
कि कुर्बान बस इक इशारों में होते

अगर लोग आपस में मिलते नहीं तो
तबाही हमेशा अरारों में होते

बहुत तेज तैराक से यह सुना है
बड़ी भूल अक्सर किनारों में होते


Image : Beach Study
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Artist : Henry Scott Tuke
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