कट न जाए जुबान मत खोलो

कट न जाए जुबान मत खोलो

कट न जाए जुबान मत खोलो
ये सियासत है यार कम बोलो

धूप है तेज और प्यासे हम
इस कुएँ में न जहर अब घोलो

जिंदगी भर न तौल पाओगे
सच के पलड़े में झूठ मत तोलो

तुम तो पापी हो तुमको क्या डर है
बहती गंगा में हाथ ही धो लो

कौन क्या है इसे भी कुछ समझो
यूँ ही हर इक के साथ मत हो लो।


Image : Political Discussion
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Artist : Émile Friant
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