ख्वाब आँखों में जो उतारे हैं

ख्वाब आँखों में जो उतारे हैं

ख्वाब आँखों में जो उतारे हैं
तेरी दुनिया के ही नजारे हैं

तुम समझते हो वे तुम्हारे हैं
ये सियासत के खेल सारे हैं

ख्वाब ये हमसे दूर हैं इतने
दूर जितने ये चाँद तारे हैं

इनमें भी एक दिल धड़कता था
आज ये मुफलिसी के मारे हैं

दूर साहिल था नाव टूटी थी
यूँ समंदर में दिन गुजारे हैं

राब्ते एक भूल से बिगड़े
वक्त ने कब उन्हें सुधारे हैं

नफरतो! हार जाओगी हमसे
मेरी बस्ती में भाई चारे हैं।

आँधियाँ ओढ़ कर मेरी बिट्टू
आ रही दौड़कर मेरी बिट्टू

वक्त से हाथ अब मिलाएगी
सबके भ्रम तोड़कर मेरी बिट्टू

जाएगी आसमान से आगे
बेड़ियाँ तोड़कर मेरी बिट्टू

राह में आ भी जाए जो पर्वत
आ उसे फोड़ कर मेरी बिट्टू

सारे अखबार कहती झूठे हैं
फेंक दे मोड़कर मेरी बिट्टू

सिर्फ बेखौफ राह दो उसको
जी ले डर छोड़ कर मेरी बिट्टू

वक्त को सिर्फ तू ही बदलेगी
वक्त से होड़ कर मेरी बिट्टू।


Image : The Jolly Flatboatmen
Image Source : WikiArt
Artist : George Caleb Bingham
Image in Public Domain

हरेराम ‘समीप’ द्वारा भी