किरदार इस जहान में आला नहीं मिला

किरदार इस जहान में आला नहीं मिला

किरदार इस जहान में आला नहीं मिला
मुझको किसी दीये में उजाला नहीं मिला

‘जन्नत’ का ख्वाब देखने वाले तो हैं मगर
जन्नत का दर्द बाँटने वाला नहीं मिला

मेहनतकशों का दर्द वो समझेंगे क्या भला
ढूँढ़े से जिनके हाथ में छाला नहीं मिला

इनसान भी मिले मुझे हैवान भी मगर
गोरा नहीं मिला कहीं काला नहीं मिला

काजल की कोठरी में जो मैला हुआ न हो
अबतक तो ऐसा कोई दोशाला नहीं मिला

दुनिया बदल गई है कि मैं ही बदल गया
रस्ते में कोई टोकने वाला नहीं मिला।


Image : Этюд мужчины
Image Source : WikiArt
Artist :  Arshak Fetvadjian
Image in Public Domain

प्रेम किरण द्वारा भी