क्यों रुका है राह में दर्द से भरा हुआ

क्यों रुका है राह में दर्द से भरा हुआ

क्यों रुका है राह में दर्द से भरा हुआ
हम भी तेरे साथ हैं तू है क्यों डरा हुआ
जिंदगी है इक सफर सुख-दुखों के राग हैं
गा रहा है मन कोई, कोई मन मरा हुआ है
कल तलक जमीन थी सूख कर कड़ी हुई
धन घिरे तो खेत का मन हरा-भरा हुआ
रुँध गए थे कंठ में स्वर शिशिर-हेमंत के
आ गई बहार तो गीत बावरा हुआ
देख पेड़-पेड़ ये खुश हैं खुद को दे के भी
फूल बन के भूमि पर हास है झरा हुआ
साथ-साथ आ चलें रात चीरते हुए
जो चला न उसका तो दिन भी कंदरा हुआ।


Image : The Homecoming
Image Source : WikiArt
Artist : Ferdinand Georg Waldmüller
Image in Public Domain

रामदरश मिश्र द्वारा भी