लगाकर आग बस्ती से

लगाकर आग बस्ती से

लगाकर आग बस्ती से, निकल जाने की आदत है
जिन्हें हर बात में झूठी, कसम खाने की आदत हैं

चुराकर गैर के आँसू, बना लेते हैं जो काजल
सजाकर आँख में फिर से खुशी पाने की आदत है

सजीले बागबानी में, टहलने आ गए साहब
जिन्हें फूलों की रंगत पे बहक जाने की आदत है

इजाजत है नहीं कहना अवारापन को आवारा
बड़े हाकिम का बेटा है, जुलुम ढाने की आदत है

जो मिहनत से हथेली पर, हुनर बोये, हुनर बाँटे
उन्हें पाताल से पानी उठा लाने की आदत है


Image : Egyptians Raising Water from the Nile
Image Source : WikiArt
Artist : John Singer Sargent
Image in Public Domain