जिंदगी दाव पर

जिंदगी दाव पर

जिंदगी दाँव पर, मैं लगाती रही
देश हित में कदम, मैं बढ़ाती रही

गाँव घर शहर शिक्षा से परिपूर्ण हो
ज्ञान का दीप मैं तो जलाती रही

हर घड़ी नारियों को दे कर हौसला
नारी सम्मान को मैं जगाती रही

जाति मजहब के मतभेद को बिसार के
धर्म की ध्वजा ऊँचा उठाती रही

कौन किस बात से है खफा भूल कर
‘अंजु’ दिन-रात महफिल सजाती रही।


Image : Woman by a lamp
Image Source : WikiArt
Artist : Paul Signac
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