मेरे कलाम के अक्षर संभालकर रखना

मेरे कलाम के अक्षर संभालकर रखना

मेरे कलाम के अक्षर सँभालकर रखना
जो मैं मरूँ तो मेरा घर सँभालकर रखना

न मेरे दर्द को शीशा कभी बयाँ कर दे
तुम अपने हाथ का पत्थर सँभालकर रखना

कभी चिराग बुझाकर कभी अकेले में
मेरे ख्याल के मंजर सँभालकर रखना

ये दिल का जख्म जमाने को मत दिखा देना
लहूलुहान ये चादर सँभालकर रखना

तुम्हारी प्यास पे मंजिल नहीं हँसे कल भी
सफर की धूप में ये डर सँभालकर रखना।


Image : Maine Interior Man with Pipe
Image Source : WikiArt
Artist : Eastman Johnson
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