मिलाओ दिल से दिल को तुम

मिलाओ दिल से दिल को तुम

मिलाओ दिल से दिल को तुम यही सच्ची इबादत है
अजी, इस प्यार की तो पत्थरों को भी जरूरत है

हो उसका नाम लेकर भी सदा आपस में लड़ते तुम
कहाँ ये उसका सज्दा है, ये तो उससे बगावत है

करूँ उसका मैं क्या शिक्वा जो मेरा हो नहीं पाया
मुझे तो अपने रब से ही सदा रहती शिकायत है

तुम्हारी बेवफाई पर हमीं हैं डालते पर्दा
नशे में इश्क के हम हैं, मगर फिर भी शराफत है

वही आँगन, वही खिड़की, वही घर याद है अब भी
जिसे मुझसे मुहब्बत थी, जिसे मुझसे मुहब्बत है।


Image : Peasant Woman with Yellow Headscarf
Image Source : WikiArt
Artist : Stefan Luchian
Image in Public Domain

राहुल शिवाय द्वारा भी