नारे बाजों में गूँगे गम जैसे

नारे बाजों में गूँगे गम जैसे

नारे बाजों में गूँगे गम जैसे
शोर में क्या कहेंगे हम जैसे

कैसे छू कर हों धन्य हम जैसे
आप हैं चाँद पर कदम जैसे

हम तो हैं कर्म लीक से हटकर
और वे धर्म के नियम जैसे

खुद को हम दूसरे-से लगते हैं
भाव मत दो हमें प्रथम जैसे

हमसफर सुर में सुर मिला देना
चल पड़े हम अगर रिदम जैसे

सृष्टि में हर कोई अनोखा है
किसलिए ढूँढ़िए स्वयं जैसे

हम को रास आती है नई दुनिया
आपके शौक म्यूजियम जैसे।


Image : The Meeting (Bonjour Monsieur Courbet)
Image Source : WikiArt
Artist : Gustave Courbet
Image in Public Domain