पौध कड़वाहट के काटें, प्यार बोएँ
- 1 April, 2022
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https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-gazal-about-paudh-kadavaahat-ke-kaaten-pyaar-boen-by-akhilesh-srivastava-chaman-nayi-dhara-2/
- 1 April, 2022
पौध कड़वाहट के काटें, प्यार बोएँ
पौध कड़वाहट के काटें, प्यार बोयें
रात-रानी, कुमुदिनी, कचनार बोयें
मन भी है, मौसम भी है वातावरण भी
कुछ शरारत और कुछ मनुहार बोयें
जिंदगी जिंदादिली का नाम है तो
फिर हँसी-ठट्ठे के कुछ त्यौहार बोयें
सोच लें बस जीतना तो जीतना है
स्वप्न में भी हम न लेकिन हार बोयें
चाहे जितनी भी घनेरी रात हो पर
एक मोहक भोर के आसार बोयें
लोग कहते हैं ‘चमन’ होगी प्रलय कल
आइए, हम आज नव-संसार बोयें।
Image : The Gardener, Afternoon Sun, Eragny
Image Source : WikiArt
Artist : Camille Pissarro
Image in Public Domain