पौध कड़वाहट के काटें, प्यार बोएँ

पौध कड़वाहट के काटें, प्यार बोएँ

पौध कड़वाहट के काटें, प्यार बोयें
रात-रानी, कुमुदिनी, कचनार बोयें

मन भी है, मौसम भी है वातावरण भी
कुछ शरारत और कुछ मनुहार बोयें

जिंदगी जिंदादिली का नाम है तो
फिर हँसी-ठट्ठे के कुछ त्यौहार बोयें

सोच लें बस जीतना तो जीतना है
स्वप्न में भी हम न लेकिन हार बोयें

चाहे जितनी भी घनेरी रात हो पर
एक मोहक भोर के आसार बोयें

लोग कहते हैं ‘चमन’ होगी प्रलय कल
आइए, हम आज नव-संसार बोयें।


Image : The Gardener, Afternoon Sun, Eragny
Image Source : WikiArt
Artist : Camille Pissarro
Image in Public Domain