रुख से जब परदे हटाये जिंदगी

रुख से जब परदे हटाये जिंदगी

रुख से जब परदे हटाये जिंदगी
खुद को भी खुद से मिलाये जिंदगी

जानती है हार जाएगी मगर
मौत से आँखें लड़ाये जिंदगी

कैसे पीले हाथ हों बेटी के अब
बेबसी के दिन दिखाये जिंदगी

जैसे इक मजदूर की बेटी हूँ मैं
हर कदम पर यूँ सताये जिंदगी

आएगा इक दिन बुलावा आएगा
कब से है पलकें बिछाये जिंदगी

दीजिए मुस्कान इक मजलूम को
ताकि खुलकर मुस्कुराये जिंदगी।


Image : Young Woman, Concarneau
Image Source : WikiArt
Artist : Edward E
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आराधना प्रसाद द्वारा भी