सच की कीमत रोज चुकानी पड़ती है

सच की कीमत रोज चुकानी पड़ती है

सच की कीमत रोज चुकानी पड़ती है
खुद से भी यह हार छुपानी पड़ती है

पानी पीकर झूठ डकारें ले-लेकर
भूखे घर की लाज बचानी पड़ती है

बाज-दफा दुश्मन भी काम आ जाते हैं
अपनो से भी जान गँवानी पड़ती है

मरते हैं जीने की एक खुशी खातिर
देह की खातिर जान लुटानी पड़ती है

अस्मत पर तरजीह भूख को मिलती है
ये पूँजी भी दाँव लगानी पड़ती है

झूठ खुशामद से दुनिया खुश रहती है
भैंस के आगे बीन बजानी पड़ती है

देख ‘विप्लवी’ चेहरों के पीछे नश्तर
लाख बचें हम मुँह की खानी पड़ती है।


Image : After Dinner at Ornans
Image Source : WikiArt
Artist : Gustave Courbet
Image in Public Domain

बी.आर. विप्लवी द्वारा भी