तुम्हारी याद को दिल से लगाए बैठे हैं

तुम्हारी याद को दिल से लगाए बैठे हैं

तुम्हारी याद को दिल से लगाए बैठे हैं
हसीन ख्वाब का इक घर सजाए बैठे हैं

तमाम उम्र गजाला की तरह गुजरी है
तुम्हारे दर्द को अपना बनाए बैठे हैं

कि मेरी जिंदगी कट जाए तेरे पहलू में
ये आरजू तुम्हें कब से बताए बैठे हैं

तुम्हारे जाने से महताब दिल का डूब गया
तलाश में तेरी शम्मा जलाए बैठे हैं

तरस गई हैं तुम्हें देखने को ये आँखें
थकी-थकी हैं, पर पलकें उठाए बैठे हैं

तुम्ही गजल हो, बहर का हसीन बंधन हो
तुम्हारे साथ ही दिल को लगाए बैठे हैं।


Image : Geraniums
Image Source : WikiArt
Artist : Childe Hassam
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