उसने ऊँचाइयाँ बना ली हैं
- 1 April, 2022
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https://nayidhara.in/kavya-dhara/hindi-gazal-about-usane-oonchaiyaan-bana-lee-hain-by-madhuri-swarnkar-nayi-dhara/
- 1 April, 2022
उसने ऊँचाइयाँ बना ली हैं
उसने ऊँचाइयाँ बना ली हैं
हमने कुछ सीढ़ियाँ बना ली हैं
फूस की झुग्गियों के बनते ही
उसने कुछ तीलियाँ बना ली हैं
आदमी-आदमी नहीं लगता
कौन सी बस्तियाँ बना ली हैं
दिल के सब द्वार बंद करके अब
जेहन में खिड़कियाँ बना ली हैं
हाथ काटे और हथकड़ी ही से
उसने अब बेड़ियाँ बना ली हैं
बोलने वाले बोलते ही नहीं
कैसी ये बोलियाँ बना ली हैं
खोज पक्की सड़क की करते हुए
हमने पगडंडियाँ बना ली हैं।
Image : Interior of Courtyard, Strandgade 30
Image Source : WikiArt
Artist : Vilhelm Hammershoi
Image in Public Domain