वक्त से खींचतान है तो क्या

वक्त से खींचतान है तो क्या

वक्त से खींचतान है तो क्या
मुश्किलों में ये जान है तो क्या

झोंक डालोगे आग में सब कुछ
बाप तेरा किसान है तो क्या

मैं सुरक्षित हूँ आज पिंजरे में
ये खुला आसमान है तो क्या

धन नहीं है तो है नहीं कुछ भी
साफ सुथरी जुबान है तो क्या

इक कबूतर है मेरे कमरे में
खाली खाली मकान है तो क्या।


Image : Pigeon Fancier
Image Source : WikiArt
Artist : Vasily Perov
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