वो तो हम सब को ही

वो तो हम सब को ही

वो तो हम सब को ही आपस में लड़ा देता है
दरमियाँ रख के वो चिंगारी हवा देता है

पहले देता है जख्म मुझको वो मेरा हमदम
फिर मुझे अपना बताता है दवा देता है

तू जो पूछेगा कबूतर से तो क्या बोलेंगे
क्या है सच गर्दू का सब बाज बता देता है

रात आती है ठहरती है गुजर जाती है
कौन ख्वाबों को मेरे घर का पता देता है

मैंने सूरज को पिलाया है पसीना अपना
कौन ये है जो उजाले को मिटा देता है।


Image : Return from the Fields
Image Source : WikiArt
Artist : Henri Martin
Image in Public Domain

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